Haryana News Update: रोहतक के चर्चित जाट अखाड़ा हत्याकांड में आरोपी को मिली फांसी की सजा, जानिए क्या था पूरा मामला

Haryana News Update: रोहतक के चर्चित जाट अखाड़ा हत्याकांड में आरोपी को मिली फांसी की सजा, जानिए क्या था पूरा मामला

Haryana News Update: हरियाणा में रोहतक के चर्चित जाट अखाड़ा हत्याकांड में कोर्ट ने 6 कत्ल के दोषी सुखविंदर कोच को फांसी की सजा दे दी है। हत्या के लिए उसे हथियार सप्लाई करने वाले पूर्व फौजी को 3 साल कैद की सजा सुनाई गई है।

इससे पहले बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं दोनों पक्षों के बीच करीब 45 मिनट तक बहस चली थी।

बहस में पीड़ित पक्ष के वकील जय हुड्‌डा ने कोर्ट से आरोपियों को फांसी की सजा सुनाने की पैरवी की थी। उन्होंने कहा कि आरोपी ने जितनी बेरहमी से गुनाह किया है, वह रेयर ऑफ द रेयरेस्ट केस की श्रेणी में आता है। उसने 7 लोगों को गोली मारी थी, जिनमें से 6 की मौत हो गई। इनमें, महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।

रहम की अपील खारिज
वहीं, हत्यारे कोच सुखविंदर के वकील ने कोर्ट में दया याचिका दायर करते हुए रहम की मांग की थी। दलील में कहा गया कि आरोपी के माता-पिता बुजुर्ग हैं। उसका एक 7 साल का बेटा है। पत्नी से तलाक हो चुका है। इसलिए, कोर्ट सजा सुनाने में नरमी दिखाए।

19 को दिया था दोषी करार
इससे पहले 19 फरवरी को दोनों आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार दे दिया था। पीड़ित पक्ष द्वारा दोनों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए अपील की गई है। दोषी करार दिए गए दोनों आरोपियों में गोलियां मारकर कत्ल करने वाला कोच और उसे हथियार सप्लाई करने वाला शामिल है।

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जाट कॉलेज अखाड़ा में 12 फरवरी 2021 को 6 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में दोषी करार दिए आरोपियों में सोनीपत जिले के बरोदा का रहने वाला कुश्ती कोच सुखविंदर और उत्तर प्रदेश के जिला मुजफ्फरनगर के गांव राजपुर छाजपुर का रहने वाला पूर्व फौजी मनोज है।

12 फरवरी 2021 को हुआ था हत्याकांड
पीड़ित पक्ष के एडवोकेट जय हुड्डा ने बताया कि जाट कॉलेज अखाड़ा हत्याकांड 12 फरवरी 2021 को हुआ था। उस दिन 7 लोगों को गोली मारी गई थी। मुख्य कोच मनोज मलिक, उनकी पत्नी साक्षी मलिक, गांव मांडोठी निवासी कोच सतीश, गांव मोखरा निवासी प्रदीप व महिला पहलवान यूपी के मथुरा निवासी पूजा तोमर की मौके पर ही मौत हो गई थी।

मनोज के बेटे करीब 2 वर्षीय सरताज ने बाद में दम तोड़ दिया था। अखाड़े के बाहर गोली लगने से घायल हुए निडाना निवासी अमरजीत को गंभीर हालत में गुरुग्राम ले जाया गया था। यहां उनकी जान बच गई थी। तभी से जिला अदालत में केस की सुनवाई चल रही थी।

1. मनोज-साक्षी ने आरोपी को अखाड़े में आने से रोका
जाट कॉलेज अखाड़ा के सीनियर कोच मनोज मलिक ने आरोपी कोच सुखविंदर को उसके खिलाफ मिल रही शिकायतों के कारण अखाड़े में आने से मना किया था। मनोज मलिक जाट कॉलेज में डीपी के पद पर कार्यरत थे। कॉलेज के पीछे बना अखाड़ा भी मनोज की देखरेख में चलता था। इसी अखाड़े में सुखविंदर भी कोचिंग देता था। वारदात के करीब ढाई माह पहले (दिसंबर 2020 में) कुछ महिला खिलाड़ियों ने मनोज से सुखविंदर की शिकायत की थी।

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शिकायत मिलने के बाद मनोज ने सुखविंदर को मना कर दिया था कि वह कोचिंग देने अखाड़े में न आए। इसी रंजिश के चलते मनोज और साक्षी की हत्या की गई थी। इनके 2 साल के बेटे सरताज की किसी के सा‌थ कोई दुश्मनी नहीं थी। लेकिन, उसके सिर में भी गोली मारी गई थी, जो आंख से आर-पार हो गई थी। सरताज 4 दिन तक अपनी जिंदगी की लड़ाई लड़ता-लड़ता दम तोड़ गया था।

2. अखाड़े में अनदेखी से आहत था
गांव मोखरा का रहने वाला प्रदीप मलिक अखाड़े में कभी-कभी कोचिंग देने के लिए आता था। वह रेलवे में टीटी था और समय मिलने पर अखाड़े में आता था। पहले इसी अखाड़े में सुखविंदर ने उसे ट्रेनिंग दी थी। लेकिन कुछ समय से प्रदीप और दूसरे कोच सतीश में नजदीकियां बढ़ गई थीं और सुखविंदर की अनदेखी शुरू हो गई थी।

3. दूसरे कोच को तरजीह मिलने से नाराज था
कोच सतीश दलाल गांव मांडोठी का रहने वाला था। इसी अखाड़े में वह सुखविंदर के साथ कोचिंग देता था, लेकिन कुश्ती के अच्छे खिलाड़ी सतीश को अहमियत देने लगे थे। सुखविंदर से कोचिंग लेने से कतराने लगे थे। इस वजह से खिलाड़ियों को लेकर दोनों के बीच आपसी मनमुटाव भी था।

4. खिलाड़ी पूजा तोमर ने की थी शिकायत
मूलरूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा की रहने वाली पहलवान पूजा तोमर दंगल फिल्म देखकर हरियाणा के रोहतक में कुश्ती सीखने आई थी। वह इसी जाट अखाड़ा में ट्रेनिंग लेने लगी। यहां पर आरोपी सुखविंदर उसे परेशान करता था। जिसकी शिकायत पूजा ने सीनियर कोच मनोज को दी थी। इसी शिकायत पर मनोज व साक्षी ने सुखविंदर को अखाड़े में आने से रोक दिया था।

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5. अमरजीत को कोच बनने से रोका लेकिन वह नहीं माने
अमरजीत मेहर सिंह अखाड़े में कोचिंग देत‌े थे। इनसे पहले यहां सुखविंदर प्रैक्टिस करवाता था। शिकायत मिलने के बाद सुखविंदर को हटा दिया गया था और अमरजीत कोचिंग देने लगे थे। सुखविंदर ने अमरजीत को अखाड़े में कोच बनने से मना किया था, लेकिन अमरजीत नहीं माना। यही रंजिश उसके मन में पल रही थी।

वारदात वाली शाम सुखविंदर ने अमरजीत को मेहर सिंह अखाड़े से फोन करके बुलाया था और उसे गोली मार दी थी। गोली मुंह से आर-पार हो गई थी। करीब 10 दिन के इलाज के बाद वह सकुशल घर लौट गए थे।

I am working as an Editor in Bharat9 . Before this I worked as a television journalist with a demonstrated history of working in the media production industry (India News, India News Haryana, Sadhna News, Mhone News, Sadhna News Haryana, Khabarain abhi tak, Channel one News, News Nation). I have UGC-NET qualification and Master of Arts (M.A.) focused in Mass Communication from Kurukshetra University. Also done 2 years PG Diploma From Delhi University.

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