Viral News: क्यों है पैर हिलाना अशुभ, जानिए इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण 

Viral News: क्यों है पैर हिलाना अशुभ, जानिए इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण 

Viral News: पैर हिलाने की आदत को लेकर ये मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं। लेकिन मेडिकल साइंस में इसे ‘रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’ कहते हैं।

पैर हिलाने की सच्चाई के बारे में बता रहे हैं रांची स्थित बर्लिन डायग्नोस्टिक्स में इंटरनल मेडिसिन डॉ. रविकांत चतुर्वेदी।

फोकस नहीं कर पाते

डॉ. रविकांत का कहना है कि पैर हिलाना एक ऐसी आदत है जो व्यक्ति के व्यवहार के साथ साथ उसकी मानसिक स्थिति को भी दर्शाता है। ‘रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’ का शिकार व्यक्ति जब पैर हिलाता है तो उस समय वह अपने काम पर फोकस नहीं कर पाता। ऐसे लोगों में एकाग्रता की कमी देखी जाती है।

आरएलएस में व्यक्ति को पैरों को हिलाने की तीव्र अनियंत्रित इच्छा महसूस होती है। ‘रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’ का एहसास रात में होता है और इससे व्यक्ति की नींद तक उड़ सकती है।

अनुवांशिक है ‘रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’

वैज्ञानिक अभी तक यह पता नहीं लगा पाए हैं कि कौन से जीन इस कंपन का कारण हैं। लेकिन इतना जरूर पता कर लिया है कि अगर आपके परिवार में पहले किसी में यह सिंड्रोम पाया गया तो यह आपको भी हो सकता है।

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पैर हिलाना अशुभ क्यों?

‘रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’ का कोई स्पष्ट कारण नहीं है। इसके शिकार लोग अपने काम ध्यान लगाकर नहीं कर पाते। यह अच्छी आदत नहीं। इसलिए इसे छुड़ाने के लिए धर्म का सहारा लिया गया। ऐसी मान्यता है कि पैर हिलाना अशुभ है और ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।

धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो हिंदू धर्म में किसी की भी मृत्यु पर ब्रह्मभोज कराया जाता है। इसमें दसवीं के दिन जब भोज कराया जाता है पंडित जी चारपाई पर बैठकर पैर हिलाते हैं।

महाभारत काल में भी पैर हिलाने को अशुभ माना गया है। इन तमाम मान्यताओं के चलते पैर हिलाने को सही नहीं माना जाता।

पैर हिलाना डीप स्लीप है

मेडिकल साइंस में यह आदत एक सिंड्रोम है जिसे ‘रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’ आरएलएस कहते हैं। इसमें पैर हिलाते हुए व्यक्ति को आनंद की अनुभूति होती है। इसे एक तरह की डीप स्लीप है। इसमें आप दिखते तो एक्टिव हैं, आंख भी खुली होती है, लेकिन आपका दिमाग एक्टिव नहीं होता। आप एक तरह की डीप स्लीप में होते हैं।

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जरूरी नहीं कि ‘रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’ का शिकार व्यक्ति सिर्फ पैर ही हिलाए, वह शरीर के किसी अन्य अंग को भी हिला सकता हैं। ऐसा करने से उन्हें राहत और संतुष्टि मिलती है।

कभी कभार पैर हिलाना नॉर्मल है

कई बार व्यक्ति अनजाने में पैर हिलाने लगता है, इसे ‘रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’ नहीं कहा जा सकता। कभी कभार ऐसा होना नॉर्मल है। ऐसा करके व्यक्ति को कुछ देर के लिए अच्छा महसूस हो सकता है।

‘रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’ के लक्षण

धीमी गति से चलना: ‘रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’ के शिकार व्यक्ति स्लीप मोड में अन्य गतिविधियां भी स्लो करना: स्लीप मोड में होने के कारण वो हर काम स्लो करते हैं।

हाथ-पैर में अकड़न: ‘रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’ के लोगों में ये शिकायत बहुत आम है।

बिगड़ा हुआ संतुलन: स्लीप मोड में रहने के कारण ऐसा होता है।

इस आदत को कैसे सुधारें

जब बच्चा छोटी उम्र में ऐसा करे तो उसे बार बार टोकें, ताकि उसकी ये आदत सुधर जाए। बड़ी उम्र के लोग काउंसलिंग या सेल्फ डिसिप्लिन से इस आदत को बदल सकते हैं। कोई भी काम नामुमकिन नहीं, आज से ही शुरुआत कीजिए।

I am working as an Editor in Bharat9 . Before this I worked as a television journalist with a demonstrated history of working in the media production industry (India News, India News Haryana, Sadhna News, Mhone News, Sadhna News Haryana, Khabarain abhi tak, Channel one News, News Nation). I have UGC-NET qualification and Master of Arts (M.A.) focused in Mass Communication from Kurukshetra University. Also done 2 years PG Diploma From Delhi University.

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