New Education Policy: क्या आप जानते हैं नई शिक्षा नीति क्या है? जानिए विस्तार से
New Education Policy: कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति को हरी झंडी दे दी है।
34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव हुआ है।
नई शिक्षा नीति की उल्लेखनीय विशेषताएं इस प्रकार हैं।
1. नर्सरी 4 वर्ष
2. जूनियर केजी 5वर्ष
3. सीनियर केजी 6वर्ष
4. कक्षा 1वी से 7वर्ष
5. कक्षा 2वी से 8वर्ष
6. कक्षा 3वी से 9वर्ष
7. कक्षा 4वी से 10वर्ष
8. कक्षा 5वीं से 11वर्ष
9. कक्षा 6वी से 12वर्ष
10.कक्षा 7वीं से 13वर्ष
11.कक्षा 8वीं से 14वर्ष
12. कक्षा 9वीं से 15वर्ष
13. स्टडी एसएससी 16वर्ष
14. स्टडी FYJC 17वर्ष
15. एसटीडी एसवाईजेसी 18वर्ष
विशेष एवं महत्वपूर्ण बातें:- 12वीं कक्षा में ही होगा बोर्ड, एमफिल बंद, कॉलेज की डिग्री 4 साल की 10वीं बोर्ड खत्म, एमफिल भी होगा बंद, अब 5वीं कक्षा तक के छात्रों को मातृभाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्रभाषा में ही पढ़ाया जाएगा।
बाकी विषय, चाहे वह अंग्रेजी ही क्यों ना हो, एक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा।
अब केवल 12वीं बोर्ड परीक्षा देनी होगी।
जब कि पहले 10वीं बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य था, जो अब नहीं होगा।
9वीं से 12वीं कक्षा तक के सेमेस्टर में होगी परीक्षा।
स्कूली शिक्षा 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाई जाएंगी।
वहीं, कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी।
यानी ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्लोमा, तीसरे साल पर डिग्री।
3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जो उच्च शिक्षा नहीं लेना चाहते।
वहीं उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी।
4 साल की डिग्री करने वाले छात्र एक साल में कर सकेंगे एमए।
अब छात्रों को एमफिल नहीं करना होगा।
बल्कि एमए के छात्र अब सीधे पीएचडी कर सकेंगे।
10वीं में नहीं होगी बोर्ड परीक्षा।
छात्र बीच में अन्य कोर्स भी कर सकेंगे।
उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात 2035 तक 50 फीसदी हो जाएंगा।
वहीं, नई शिक्षा नीति के तहत अगर कोई छात्र एक कोर्स के बीच में दूसरा कोर्स करना चाहता है तो वह एक कोर्स लेकर दूसरा कोर्स कर सकता है।
पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लें।
उच्च शिक्षा में भी कई सुधार किये गये हैं।
सुधारों में श्रेणीबद्ध शैक्षणिक, प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता आदि शामिल हैं।
इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में ई-पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
वर्चुअल लैब्स विकसित की जाएंगी।
एक राष्ट्रीय शैक्षिक वैज्ञानिक मंच (एनईटीएफ) शुरू किया जाएगा।
बता दें कि देश में 45 हजार कॉलेज हैं।
सरकारी, निजी, डीम्ड सभी संस्थानों के लिए समान नियम होंगे