Indian whiskey: कैसे बनती हैं Indian whiskey ? जानें व्हिस्की की असली परिभाषा
Indian whiskey: विश्वभर में व्हिस्की बनाने और मैच्योर करने के तरीके और नियम विभिन्न होते हैं, जैसे कि अमेरिका, स्कॉटलैंड, और भारत में।
अमेरिका में, व्हिस्की को अनाजों से बनाया जाता है और इसे फ्रेश ओक बैरल में रखकर मैच्योर किया जाता है। इसके खास फ्लेवर और आरोमा के लिए ओक बैरल का इस्तेमाल किया जाता है।
स्कॉटलैंड में, व्हिस्की को ओक बैरल में मैच्योर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिससे इसे विशेष फ्लेवर और कमी प्राप्त होती है।
टेस्ट, नशा, और हैंगओवर के आधार पर, व्हिस्की का चयन हर व्यक्ति की अपनी पसंद पर निर्भर करता है। भारत में, इंडियन व्हिस्की बनाने के लिए अनाजों का इस्तेमाल किया जाता है, और इसमें शीरा भी शामिल होता है।
भारत में, सोमरस और सूरा नामक शराब बनाई जाती थी, जो चावल, गेहूं, और फलों से तैयार की जाती थी। आजकल, इंडियन मेड फॉरेन लिकर (IMFL) भारत में सबसे अधिक बिकने वाली अंग्रेजी शराब का मतलब है, जिसमें शीरे का उपयोग होता है और इसे रम कहा जाता है।
इसके लिए, अनाजों और गन्ने को खेतों से काटकर लाया जाता है और उन्हें धोने के लिए पानी में भिगोकर सुखाया जाता है। इसके बाद, उन्हें मॉल्टिंग कहा जाता है और उन्हें हल्का-हल्का ग्राइंड करके फर्मेंटेशन की प्रक्रिया में डाला जाता है। इसके पश्चात, डिस्टिलेशन की प्रक्रिया के माध्यम से स्पिरिट को आपसी बदलता जाता है और इससे इंडियन व्हिस्की बनती है।
आपको इस सूचना के माध्यम से शराब की पीने की प्रोत्साहना देने का कोई उद्देश्य नहीं है, बल्कि यह सिर्फ एक जानकारी है।
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