Haryana News: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य प्रीति भारद्वाज दलाल ने बच्चों की शिकायतें सुन दिए समाधान के आदेश
Haryana News: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य प्रीति भारद्वाज दलाल ने बच्चों की शिकायतें सुन दिए समाधान के आदेश
Haryana News: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की खंडपीठ ने लघु सचिवालय स्थित सभागार में शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य प्रीति भारद्वाज दलाल ने बच्चों से संबंधित 156 शिकायतें सुनी और उनके समाधान के लिए संबंधित विभागों को उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने कहा कि जिला प्रशासन बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के लिए वचनबद्ध है। बच्चों के अधिकारों व सरकार की योजनाओं को लाभ देने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्यवाही की जाती है। संबंधित विभागों को भी समय-समय पर निर्देशित किया जाता है कि वे योग्य पात्र बच्चों को योजनाओं का लाभ समयबद्ध दिया जाए। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा आयोजित आज के शिविर में जो मामले सामने आएंगे, जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर संबंधित विभागों द्वारा की जा रही कार्यवाही की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे बच्चों से संबंधित शिकायतों व मामलों में लापरवाही न बरतें तथा उन्हें समयबद्ध उचित लाभ देना सुनिश्चित करें।
शिविर में आयोग की सदस्य प्रीति भारद्वाज दलाल ने बताया कि बैंच के सामने आज नूंह जिला में करीब 156 शिकायते रखी गई, जिन्हें गम्भीरतापूर्वक सुना गया। अधिकतर शिकायतें बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र व उनके अधिकारों व सरकारी योजनाओं के लाभ से संबंधित थी। उन्होंने कहा कि समाज में विकलांग बच्चों के प्रति संवेदना जरूरी है। ऐसे बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोडऩा जरूरी है। आयोग द्वारा कैंप के माध्यम से विकलांग बच्चों को उनके अधिकारों व सरकार की योजनाओं का लाभ प्रदान करवाए जा रहे हंै।
उन्होंने कहा कि कई बार बच्चों व खासकर विकलांग बच्चों को अपने अधिकारों व योजनाओं के लाभ के बारे में जानकारी नहीं होती, जिसकी वजह से वे इनका लाभ उठाने से वंचित रह जाते हैं। आयोग द्वारा पहल की जा रही है कि विकलांग बच्चों को प्रतिशत के अनुसार उनके सर्टिफिकेट यूडीआईडी कार्ड बनाए जाए। उन्होंने ग्रामीणों से आह्वान किया कि पॉक्सो, गुमशुदा, बाल मजदूरी, बाल भिक्षावृत्ति, स्कूल संबंधी किसी दस्तावेज, आधार कार्ड, स्वास्थ्य संबंधी तथा मेडिकल सर्टिफिकेट, बच्चा गोद लेने में आने वाली समस्या जैसी बच्चों से जुड़ी किसी भी तरह की शिकायत को आयोग समक्ष रख सकते हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, शिक्षा, श्रमिक, समाज कल्याण विभाग आदि के अधिकारियों आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। शिविर में विकलांग बच्चों के सर्टिफिकेट बनाए गए हैं। दस्तावेजों में जो कमी पाई गई, उन्हें ठीक किया गया है। अनाथ बच्चों को आर्थिक मदद प्रदान करने व सरकार की योजनाओं का लाभ देने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार बच्चों को सुविधाएं व संरक्षण सुनिश्चित हो और निर्धारित समय सीमा में संबंधित प्रकरणों का निराकरण संभव किया जाए। सुनवाई के दौरान संबंधित विभागों के माध्यम से निराकरण भी किया गया। साथ ही सभी अभिभावक भी सरकारी निर्देशों की अनुपालना करें। शिविर में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गई। दिव्यांगता प्रमाण-पत्र, दिव्यांगता पेंशन और दिव्यांग संबंधी सुविधा के संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग बाल विकास सेवाएं, कल्याण विभाग, मानसिक स्वास्थ्य शिविर सहित अन्य योजनाओं से संबंधित स्टॉल लगाए गए। इस अवसर पर राष्टï्रीय राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सलाहकार राजीव कुमार व आदित्य कुमार, हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य अनिल लाठर, सुमन राणा, गणेश कुमार, सलाहकार शशीकांत व दिनेश शर्मा, जिला बाल कल्याण समिति के चेयरमैन राजेश छोक्कर, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नवनीत कौर, जिला शिक्षा अधिकारी परमजीत चहल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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