Haryana News: अवैध कब्जाधारियों के भरोसे चल रही हरियाणा सरकार! ज्यादातर मंत्रियों की कोठियों और दफ्तरों में जबरन सीट कब्जाए बैठे हैं सरकारी कर्मी

Haryana News: अवैध कब्जाधारियों के भरोसे चल रही हरियाणा सरकार! ज्यादातर मंत्रियों की कोठियों और दफ्तरों में जबरन सीट कब्जाए बैठे हैं सरकारी कर्मी

Haryana News: अजय दीप लाठर/खबर खखाटा 24❌7 । हरियाणा में मनोहर सरकार के नायब सरकार में बदलने के साथ ही प्रदेश सरकार की प्रभावशाली सीटों पर अवैध कब्जाधारियों की बाढ़ सी आ गई है। ये अवैध कब्जाधारी कोई और न होकर हरियाणा सरकार के ही वे कर्मचारी व अधिकारी हैं, जो बिना किसी आदेश के ज्यादातर मंत्रियों की कोठियों व दफ्तरों में काबिज हैं। इन अवैध कब्जाधारियों के भरोसे ही फिलहाल हरियाणा सरकार चलती हुई नजर आ रही है। लेकिन, किसी कब्जाधारी ने बड़ा खेल कर दिया तो फिर उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा और कौन इसके लिए जवाबदेह होगा, इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है।

12 मार्च को नायब सिंह सैनी नए मुख्यमंत्री बन गए और मनोहर लाल पूर्व हो गए। इसी के साथ ही मंत्रियों के साथ तैनात स्टाफ की भी ऑटोमेटिकली छुट्टी हो गई। बाकायदा मंत्रियों के कमरों को भी लॉक कर दिया गया। उस दिन शाम को सबसे पहले सिर्फ सीपीएस टू सीएम राजेश खुल्लर के फिर से कार्य करने के ऑर्डर हुए। जबकि, सीएम के पीएस, एपीएस, ओएसडी, ओएसडी टू सीपीएस, ओएसडी टू पीएस के आदेश 16 मार्च को हुए। लेकिन, ओएसडी सुधांशु गौतम 12 से 16 मार्च को आदेश होने तक अपने कार्यालय में बैठकर तबादला आदेश जारी करते रहे। 13 मार्च को देश में आदर्श आचार संहिता लगने के बाद भी उन्होंने 14 मार्च को ओएसडी की हैसियत से तबादला आदेश जारी किया। जबकि, उस समय तकनीकी तौर पर वे ओएसडी थे भी नहीं, न ही 12 मार्च को कुछ इस तरह के आदेश किसी स्तर पर हुए थे, कि अगली व्यवस्था होने तक उन्हें ही कार्यभार देखना है।

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ऐसा ही अधिकतर मंत्रियों के दफ्तरों व निवास पर मौजूद स्टाफ के साथ है। यहां सरकारी अधिकारी व कर्मचारी अपने आका के मंत्री बनने के साथ ही कार्य करने लगे, लेकिन आज तक इनमें से किसी के भी ऑर्डर नहीं हुए हैं। एक तरह से ये यहां सेक्रेटरी व प्राइवेट सेक्रेटरी की कुर्सी पर कब्जा किए हुए हैं। मंत्री के स्टाफ की हैसियत से फोन भी कर रहे हैं, लिखित भी फुल चला रहे हैं। बाकायदा आदेश भी दे रहे हैं, फाइलों पर हस्ताक्षर भी कर रहे हैं, जलपान समेत अन्य पर्चियां भी साइन कर रहे हैं। मंत्रालयों की फाइलों को भी देख रहे हैं, लेकिन इन सब कार्यों के लिए ये हरियाणा सरकार की ओर से बिल्कुल भी अधिकृत नहीं हैं। कोई सिग्नेचर अथॉरिटी न होने के बावजूद ये नाम और पदसंज्ञा का दुरुपयोग खुलकर कर रहे हैं। इनमें से कोई भी ऐसा नहीं है, जिसका अगले आदेश तक कार्यकाल बढ़ाया हो या फिर किसी के लिखित आदेश से कुर्सी पर काबिज हों। अभी तक सिर्फ दो मंत्रियों के पर्सनल स्टाफ के ही आदेश जारी हुए हैं। जबकि, अन्य मंत्रियों के पास ऐसे अवैध कब्जाधारियों की संख्या 7-10 के बीच भी है। अब इनमें से किसी ने भी किसी फाइल के साथ कोई छेड़छाड़ कर दी या फिर गड़बड़ कर दी, तो सरकार किस पर कार्रवाई करेगी? क्योंकि, इनमें से किसी की भी जवाबदेही न तो बनती है, और न ही तय है।

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देखा जाए तो क्लर्क लाइन से 45-50 असिस्टेंट ने मंत्रियों के स्टाफ में एडजस्ट होने के लिए अपने नोट भिजवाए हुए हैं। लेकिन, नियमों के अनुसार ये पीए लाइन में नहीं जा सके। फिर भी खुलकर चमचागिरी करते हुए अपने निजी स्वार्थ के चलते व्यक्तिगत लाभ हासिल करने के लिए इन्होंने नोट तो लिखवा लिए, लेकिन अभी आदेश लंबित हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि मंत्रियों के आवास व दफ्तरों में मौजूद ये अवैध कब्जाधारी जुगाड़ के दम पर यहीं पर अपने लिए आदेश करवाने में कामयाब होते हैं या फिर गहरी नींद में सो रही प्रदेश सरकार इन्हें यहां से चलता कर नियमानुसार ही मंत्रियों को स्टाफ अलॉट करती है।

— अजय दीप लाठर, लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं विश्लेषक हैं।

I am working as an Editor in Bharat9 . Before this I worked as a television journalist with a demonstrated history of working in the media production industry (India News, India News Haryana, Sadhna News, Mhone News, Sadhna News Haryana, Khabarain abhi tak, Channel one News, News Nation). I have UGC-NET qualification and Master of Arts (M.A.) focused in Mass Communication from Kurukshetra University. Also done 2 years PG Diploma From Delhi University.

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