MNREGA Scheme New Updates: मनरेगा योजना में मोदी सरकार करने जा रही बड़ा बदलाव, लेकिन अब तक इतने करोड़ मजदूरों को नहीं मिल सकता इस योजना का लाभ
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MNREGA Scheme New Updates: ग्रामीण क्षेत्रों में दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार योजनाओं में एक है मनरेगा योजना. ये भारत सरकार की एक रोजगार गारंटी योजना है, जिसकी शुरुआत साल फरवरी 2006 में हुई थी. मनरेगा योजना नागरिकों को 100 दिन के रोजगार की गारंटी देती है. मगर नए साल की शुरुआत से इसमें एक बड़ा बदलाव हो गया है.
केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2024 से मनरेगा मजदूरी के भुगतान के लिए आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम (ABPS) अनिवार्य कर दिया है. इस नए पेमेंट सिस्टम के लागू होने के बाद डेढ़ करोड़ से ज्यादा मजदूरों से यह रोजगार छिन गया है.
यह बदलाव मनरेगा योजना के लिए बड़ा परिवर्तन है और इससे संबंधित विभिन्न पहलुओं पर सोचने की जरूरत है:
1. आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम (ABPS): नए पेमेंट सिस्टम के लागू होने से लोगों को सीधे बैंक अकाउंट में पैसे मिलने में फायदा हो सकता है. इससे भ्रष्टाचार की कमी हो सकती है और लोगों को सीधे लाभ मिल सकता है.
2. तकनीकी समस्याएँ: कुछ राज्यों में तकनीकी कारणों से एबीपीएस में कठिनाईयाँ आ सकती हैं, और यह गरीब मजदूरों को प्रभावित कर सकता है. सरकार को इन समस्याओं का समाधान करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए.
3. रोजगार की गारंटी: मनरेगा योजना के माध्यम से रोजगार की गारंटी उपलब्ध कराना महत्वपूर्ण है. सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि नए पेमेंट सिस्टम के लागू होने के बावजूद लोगों को सही समय पर रोजगार मिलता है.
4. तकनीकी दिक्कतें का हल: जिन गाँवों में तकनीकी कारणों से जॉब कार्ड आधार से लिंक नहीं हो पा रहे हैं, उन्हें छूट दी जाने की सुविधा सही हो सकती है, लेकिन इसे ऐसे गाँवों की संख्या को मिनिमाइज़ करने के लिए अधिक प्रयास करना चाहिए.
5. चुनावी प्रभाव: यह तय है कि यह बदलाव चुनावी सीजन में सरकार के लिए एक मुश्किल स्थिति बना सकता है. सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि इससे लोगों की समृद्धि पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता और उन्हें सही जानकारी मिलती रहती है.
इस परिस्थिति में, सरकार को जनमानस के साथ सही संवाद करना, तकनीकी समस्याओं का निवारण करना और लोगों को सुनने का प्रयास करना महत्वपूर्ण है।
11 जनवरी की रिपोर्ट के अनुसार, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना के तहत 25 करोड़ से ज्यादा मजदूर रजिस्टर्ड हैं. इनमें से कुल 14.32 करोड़ सक्रिय मजदूर (Active Workers) हैं. एक्टिव वर्कर वह होता है जिसने बीते 3 साल में कम से कम एक दिन काम किया है.
अब आधार सिस्टम लागू होने के बाद 12 फीसदी यानी कि एक करोड़ 70 लाख 68 हजार 632 एक्टिव वर्कर्स एबीपीएस के लिए अयोग्य हो गए हैं. इन मजदूरों को काम की गारंटी मिलना बंद हो गई. यह मजदूर सरकार के वोटर भी हैं. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में सरकार के सामने चुनौतियां कम नहीं हैं.
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I am working as an Editor in Bharat9 . Before this I worked as a television journalist with a demonstrated history of working in the media production industry (India News, India News Haryana, Sadhna News, Mhone News, Sadhna News Haryana, Khabarain abhi tak, Channel one News, News Nation). I have UGC-NET qualification and Master of Arts (M.A.) focused in Mass Communication from Kurukshetra University. Also done 2 years PG Diploma From Delhi University.