Haryana News: ब्रेकथ्रू ने जेन्डर ट्रांसफॉरमेटिव पाठ्यक्रम- तारों की टोली के माध्यम से हरियाणा में 25,000 से अधिक किशोर-किशोरियों तक पहुँच बनाई
Haryana News: गुरुग्राम, हरियाणा – 18 दिसंबर, 2024: जेंडर आधारित हिंसा को अस्वीकार्य बनाने की संस्कृति को बदलने के लिए समर्पित संस्था ब्रेकथ्रू ने आज हरियाणा में “स्कूलों और समुदायों को महिलाओं और किशोर -किशोरियों के लिए सुरक्षित बनाने ” के नज़रिए को बढ़ावा देने के लिए गुरुग्राम में अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स की आवाज़ों को एक साथ मंच पर लाने का प्रयास किया।स्कूल और समुदाय एक जेंडर समानता आधरित समाज के निर्माण में काफ़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
2012 से, ब्रेकथ्रू हरियाणा राज्य में काम कर रहा है और इसके अंतर्गत विशेष रूप से स्कूलों और सामुदायिक जुड़ाव के माध्यम से राज्य में जेंडर आधारित समानता के बारे में जागरूकता पैदा कर रहा है। ब्रेकथ्रू का प्रमुख जेन्डर ट्रांसफॉरमेटिव पाठ्यक्रम, “तारों की टोली,” हरियाणा के सात जिलों में 125 ग्राम पंचायतों और फरीदाबाद के एक समुदाय के 139 स्कूलों में 25,000 से अधिक किशोर-किशोरियों तक अपनी पहुँच बना चुका है।
Virender Nara, Deputy Director, SCERT – Gurugram
ब्रेकथ्रू काफी समय से जमीनी स्तर पर काम कर रहा है, और जो आज के प्रोग्राम में देखने को मिला है। जिन मुद्दो पर ब्रेकथ्रू काम कर रहा है , खास कर “जेंडर आधारित समानता” हमारे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इसके लिए हमारी तरफ से जो भी मदद चाहिए होगी हम वो जरूर करते आए है और आगे भी करते रहेगें।
‘एनजेंडरिंग स्कूल्स एंड कम्युनिटीज’ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हरियाणा राज्य में जेंडर आधारित समानता और सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत करने के लिए प्रेरित करना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से किशोर-किशोरियों , माता-पिता, शिक्षकों और सामुदायिक नेताओं के योगदान का भी उल्लेख किया गया , जो स्कूलों को जेन्डर ट्रांसफॉरमेटिव और किशोर-किशोरियों के लिए सहयोगी और समर्थनकारी पंचायतों का निर्माण करके बदलाव के लिए सहायक बन गए हैं। कार्यक्रम के दौरान हुई चर्चाओं में साझा की गई कहानियों ने जेंडर आधारित समानता की दिशा में जमीनी स्तर के प्रयासों को साझा किया। सरकारी अधिकारियों और समुदाय के सदस्यों सहित सभी हितधारकों ने जेंडर आधारित समानता को आगे बढ़ाने में उपलब्धियों और चुनौतियों पर महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की।
ब्रेकथ्रू ट्रस्ट की चीफ प्रोग्राम ऑफिसर नयना चौधरी ने कहा:
ब्रेकथ्रू द्वारा स्कूलों और समुदायों के माध्यम से जेंडर मानदंडों को बदलने में किया गया कार्य बेहद महत्वपूर्ण है। ब्रेकथ्रू द्वारा किया गया काम जेंडर आधारित समानता के समाज की उम्मीद और हिम्मत देता है, जिसकी शुरुआत सशक्त किशोर-किशोरियों से होती है, जो अपनी पूरी क्षमता से इस कार्य को पूरा करने में सक्षम हो रहे हैं और जो भारत के भविष्य निर्माण के लिए बहुत ज़रूरी है। इस सपने को हासिल करने के लिए, यह ज़रूरी है कि हम समुदाय में बदलाव करने वालों हितधारिको को पहचानें और एक ऐसा समाज बनाने में सभी हितधारकों के साथ जुड़ें जहां जेंडर आधारित समानता एक वास्तविकता बन जाए। इस तरह की पहल बेहतर कल के लिए स्थायी बदलाव लाने हेतु मंच तैयार करती है।
ब्रेकथ्रू ने शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग और अन्य महत्वपूर्ण विभागों के साथ राज्य और जिला स्तर के अधिकारियों के साथ अपने कार्यक्रम के हस्तक्षेप और परिणामों को भी साझा किया। इस तरह के संवाद के जरिये समानता, गरिमा और न्याय आधारित संस्कृति को बनाने के लिए किशोर-किशोरियों को सशक्त बनाने और सामाजिक मानदंडों को फिर से आकार देने और सकारात्मक बनाने के महत्व को रेखांकित किया।
आरती कुमारी, राज्य प्रमुख, हरियाणा ने कहा:
“यह आयोजन ग्राम-पंचायतों से लेकर जिला प्रशासन तक सभी स्तरों पर हितधारकों को शामिल करके जेंडर आधारित समानता को बढ़ावा देने के लिए ब्रेकथ्रू हरियाणा के काम का अब तक का सफर एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। ब्रेकथ्रू में जुड़ाव का सामाजिक-पारिस्थितिक मॉडल सार्वजनिक आख्यानों (पब्लिक नैरेटिव) को आकार देने और समानता, गरिमा और न्याय की संस्कृति को बढ़ावा देने में सहायक रहा है।”
ब्रेकथ्रू वर्तमान में भारत के 6 राज्यों- हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड के साथ पंजाब और ओडिशा (राज्य सरकार के साथ साझेदारी में) में काम करता है, जो 2.3 मिलियन किशोर- किशोरियों के साथ जुड़ कर उनके जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रयासरत है।
ब्रेकथ्रू के बारे में:
जेंडर आधारित हिंसा के कई रूप हैं, जिनमें यौन-उत्पीड़न जैसे रूपों से लेकर भावनात्मक, आर्थिक हिंसा या समान अवसर देने से इनकार जैसे छोटे रूप भी शामिल हैं। इस बदलाव को लागू करने का सबसे प्रभावी तरीका व्यवहार में ठोस परिवर्तन होने से पहले जेंडर मानदंडों और मान्यताओं को बदलना है। यह पूरे उत्तर भारत में लगभग 20 लाख किशोरों के साथ ब्रेकथ्रू के काम को रेखांकित करता है। जैसे-जैसे हम सपनों, आकांक्षा, नेतृत्व, एजेंसी और बातचीत कौशल को बढ़ावा देकर उनकी क्षमता का निर्माण करते हैं, एक पूरी पीढ़ी सक्षम संस्कृति की ओर बढ़ रही है जिसमें जेंडर आधारित हिंसा और जेंडर भेदभाव को अस्वीकार्य हो। जब जेंडर मानदंड बदलते हैं, तो लड़कियों के लिए सब कुछ बदल जाता है – घर के कामकाज के बंटवारे से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की पहुँच तक सब कुछ बदल जाता है। इस पीढ़ीगत बदलाव का प्रमाण हमारे समुदायों में शादी की उम्र और स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या में लगातार वृद्धि में दिखाई दे रहा है |
हमारे मिशन का नेतृत्व 11 से 25 वर्ष की आयु के युवा कर रहे हैं। जैसे-जैसे वे जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ़ आवाज़ उठाते हैं, हम मीडिया टूल के माध्यमों के साथ उनकी जीवन यात्रा में बदलाव का भी समर्थन करते हैं जो सार्वजनिक स्तर पर नरेटिव का निर्माण करते हैं और लोगों को समानता, गरिमा और न्याय की दुनिया की कल्पना करने के लिए प्रेरित करते हैं।
I am working as an Editor in Bharat9 . Before this I worked as a television journalist with a demonstrated history of working in the media production industry (India News, India News Haryana, Sadhna News, Mhone News, Sadhna News Haryana, Khabarain abhi tak, Channel one News, News Nation). I have UGC-NET qualification and Master of Arts (M.A.) focused in Mass Communication from Kurukshetra University. Also done 2 years PG Diploma From Delhi University.