Haryana News: हरियाणा में टाइगर दिखने से मचा हड़कंप, दूसरे दिन भी रिस्क जारी
Haryana News: राजस्थान के सरिस्का वन क्षेत्र से भटक कर हरियाणा के रेवाड़ी जिले में घुसे बाघ (टाइगर) को पकड़ने के लिए शनिवार को दूसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। रेवाड़ी के अलावा अलवर जिले के फोरेस्ट डिपार्टमेंट की टीमें बाघ की तलाश में लगी हुई हैं। शनिवार सुबह बाघ की मूवमेंट खरखड़ा ढाणी में बांध के पास देखी गई। पगमार्क मिलने के बाद वन विभाग की टीमों ने ड्रोन के जरिए ट्रैकिंग शुरू कर दी है।
टाइगर को फंसाने के लिए पास के खेतों में एक पिंजरा और भैंस का कटड़ा बांधा गया है। कटड़े की आवाज का सायरन भी बजाया जा रहा है। ताकि उसकी सुन कर बाघ उसे खाने के लिए सरसों के खेतों से बाहर निकल सके। फिर उसे पकड़ कर पिंजरे में डाला जा सकेगा।
वहीं रेवाड़ी वन विभाग की तरफ से डीसी राहुल हुड्डा को एक पत्र लिखकर इलाके में धारा 144 लगाने का आग्रह भी किया गया। इस पर डीसी ने कहा कि फिलहाल धारा 144 लागू कर भीड़ नियंत्रण करने की स्थिति नहीं है।
अगर जरूरत पड़ी तो धारा 144 भी लागू करेंगे।
वन विभाग की टीमें आसपास के खेत में बाघ को सर्च कर रही है, जिससे उसे पकड़ा जा सके। अधिकारियों के मुताबिक, 3 दिन से भूखा होने के कारण बाघ का खतरा ज्यादा बढ़ गया है।
24 घंटे से कई टीमें बाघ को पकड़ने में लगी
बता दें कि शुक्रवार सुबह पहली बार बाघ की मूवमेंट रेवाड़ी के गांव भटसाना में मिली थी। इसके बाद ततारपुर खालसा और फिर खरखड़ा के आसपास देखी गई। रेवाड़ी, अलवर वन विभाग के अलावा सरिस्का बाघ परियोजना की स्पेशल टीमें पिछले 24 घंटे से रेवाड़ी जिले के तीन गांवों में बाघ को रेस्क्यू करने में लगी हुई है।
अधिकारियों ने बताया कि बाघ सरसों के खेत में छुपा हुआ हैं। ड्रोन की मदद से उसकी हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। जल्द ही उसे रेस्क्यू भी कर लिया जाएगा।
दो दिन पहले टाइगर ने खुशखेड़ा गांव में खेत में काम कर रहे रघुवीर नाम के किसान पर हमला कर घायल कर दिया था।
3 दिन पहले वन क्षेत्र से भटका बाघ
पिछले 3 माह से मेल बाघ (टाइगर) ST-2303 राजस्थान के अलवर जिले में पड़ने वाले वन मंडल रेंज किशनगढ़ बास अधीन वनखंड संध ईस्माईलपुर व समीपवर्ती क्षेत्र में घूम रहा था। जिसकी वन विभाग की टीम द्वारा ट्रैकिंग की जा रही थी।
17 जनवरी को सुबह से बाघ वन क्षेत्र से निकलकर खेतों के रास्ते उत्तर दिशा की ओर मूवमेंट कर गया। बाघ के पैरों के निशान पहले कोटकासिम में ग्राम बसई वीरथल में पाए गए। इसके बाद वह खुशखेड़ा में पहुंचा जहां उसने खेत में काम कर रहे बुजुर्ग किसान रघुवीर पर हमला कर घायल कर दिया।
इसके बाद उसकी मूवमेंट रेवाड़ी के गांव भटसाना में देखी गई। यहां उसके पैरों के निशान मिलने पर रेवाड़ी वन विभाग की टीम एक्टिव हुई। वाइल्ड लाइफ की टीमों के अलावा वन विभाग की टीमें 24 घंटे से बाघ को रेस्क्यू करने में जुटी है।
रेवाड़ी वन विभाग की तरफ से डीसी को पत्र लिखकर इलाके में धारा 144 लगाने का भी आग्रह किया गया। हालांकि डीसी ने कहा कि अभी ऐसी स्थिति नहीं है। अगर जरूरत पड़ी तो ये कदम भी उठाएंगे।
सुबह सूर्य उदय से पहले और शाम को खेतों की तरफ ना जाएं…
वहीं बाघ के भटसाना, ततारपुर खालसा और खरखड़ा ढाणी की तरफ मूवमेंट मिलने के बाद रेवाड़ी जिला प्रशासन की तरफ से एडवाइजरी भी जारी की गई।
जिसमें कहा गया कि नर बाघ को लेकर वन मंडल ने अलर्ट जारी किया है। आमजन बाघ का रेस्क्यू करने में वन मंडल सहयोग करें। पत्थर, लकड़ी आदि मारकर वन्य जीव को परेशान न करें।
सुबह 7 बजे से पहले और शाम 5 बजे के बाद खेतों में न जाएं। किसी भी स्थिति में अकेले खेतों में न जाएं। बाघ के दिखाई देने पर या किसी मवेशी के वन्य जीव द्वारा शिकार होने पर तत्काल वन विभाग की को सूचित करें। बाघ दिखाई देने पर भीड़ एवं शोर ना करें। आमजन किसी भी प्रकार की अफवाह पर भरोसा ना करें।
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