Success Story: सालाना लाखों का पैकेज छोड़ इस इंजीनियर ने शुरू की खेती, मेडिसिनल प्लांट और हॉर्टिकल्चर खेती से की शुरूआत

Success Story: सालाना लाखों का पैकेज छोड़ इस इंजीनियर ने शुरू की खेती, मेडिसिनल प्लांट और हॉर्टिकल्चर खेती से की शुरूआत

Success Story: भिंड जिले के 32 साल के एक इंजीनियर लाखों का पैकेज छोड़ खेती कर रहे हैं। वे 4 बीघा में मेडिसिनल प्लांट और हॉर्टिकल्चर की जॉइंट खेती से हर साल 7 से 8 लाख तक की कमाई कर रहे हैं।

धर्मेंद्र के पिता रिटायर्ड प्रिंसिपल हैं। धर्मेंद्र ने 2013 में ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज से बीई की पढ़ाई की। डिग्री लेने के बाद कॉलेज से ही साढ़े 4 लाख रुपए के पैकेज पर एक मल्टीनेशनल कंपनी में सिलेक्शन हो गया, लेकिन उन्होंने जॉइन नहीं किया, क्योंकि धर्मेंद्र ने भारत में किसानों की आत्महत्या की स्टडी रिपोर्ट पढ़ने के बाद खेती-किसानी का मन बना लिया था।

आइए धर्मेंद्र से जानते हैं मेडिसिनल प्लांट और हॉर्टिकल्चर की खेती शुरू करने की कहानी…

मैंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान किसानों की आत्महत्या पर प्रकाशित एक स्टडी रिपोर्ट पढ़ी, जिसमें लिखा था कि खेती-किसानी में नुकसान होने के चलते हर साल इंडिया में 12 हजार से ज्यादा किसान सुसाइड कर लेते हैं। हर रॉ मटेरियल खेती-किसानी से ही इंडस्ट्रीज को मिलता है। किसान फिर भी आत्महत्या करने को मजबूर हैं। मेरे दिमाग में ऐसे कई सवाल चल रहे थे। इन सब सवालों को मुझे जमीनी स्तर पर जानना था और करियर में भी कुछ अलग करना था, इसलिए मैंने सोचा क्यों ना मेडिसिनल प्लांट और हॉर्टिकल्चर की जॉइंट खेती की जाए।

फिर मैंने अपने खेतों को मेडिसिनल प्लांट और हॉर्टिकल्चर के लिए तैयार करना शुरू किया। पहले 3 से 4 साल तक तो नुकसान होता रहा। फिर मैंने अलग-अलग क्रॉप पर अध्ययन किया और नए-नए प्रयोग के साथ खेती करना शुरू किया। इसके बाद मुझे खेती में मुनाफा होने लगा। आज मेरे पास करीब एक बीघा में सिर्फ नर्सरी है, जिसमें 20 वैरायटी के अमरूद, 15 वैरायटी के अलग-अलग देशी-विदेशी आम के पौधे लगे हैं। इसके अलावा पपीता, अनार, अनानास, बांस, एप्पल, बेर समेत दूसरे हॉर्टिकल्चर क्रॉप हैं। मेरे पास कुल 9 बीघा जमीन है।

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पहले मैंने पपीते के साथ हल्दी और सफेद मूसली की खेती की। फिर बाद में 4 बीघा जमीन में तुलसी की खेती की। इस तरह अलग-अलग मौसम के मुताबिक अलग-अलग खेती कर रहा हूं। इस बार खेत में 700 से ज्यादा केले की पौधे लगाए हैं। केले के पौधे के बीच में ही टमाटर की फसल लगाई है। केले की फसल आने से पहले दो से तीन सब्जी की फसल से 4 से 5 लाख रुपए का मुनाफा हो जाएगा। जब 12 महीने बाद केला फल देगा तो यह बोनस के तौर पर फायदा देकर जाएगा। किसान का अनुमान है कि केले की फसल से 4 से 5 लाख रुपए का फायदा होगा। इसके अलावा सफेद मूसली और तुलसी की खेती भी कर रहा हूं।

अपने ड्रीम के बारे में चर्चा करते हुए बताते हैं कि मैं देश के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर वहां पर उगाई जाने वाली फसलों की जानकारी लेना चाहता हूं। इन फसलों को भिंड में भी उगाऊंगा।

किसानों के लिए बने आइडियल

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युवा किसान धर्मेंद्र शर्मा भिंड जिले के किसानों के लिए आइडियल बन चुके हैं। एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अफसर जब लोगों से मेडिसिनल प्लांट और हॉर्टिकल्चर क्रॉप को लेकर चर्चा करते हैं तो वह आइडियल किसान के तौर पर धर्मेंद्र शर्मा को बुलाते हैं। एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की ओर से धर्मेंद्र कई बार सम्मानित हो चुके हैं।

क्वालिटी होने पर हाथों हाथ बिकती है फसल

सफेद मूसली, हल्दी और तुलसी जैसी मेडिसिनल प्लांट क्रॉप की देश में बहुत मांग है। भिंड शहर से सबसे नजदीक का बड़ा मार्केट दिल्ली है। क्रॉप की सही क्वालिटी होने पर फसल के अच्छे दाम मिलते हैं, लेकिन हमारे क्षेत्र के जिन किसानों ने उत्पादन किया है। वह क्वालिटी बेस नहीं दे पाए। इसके चलते अब तक फेल होते रहे हैं। मैं पिछले 10 सालों से सफेद मूसली और हल्दी की खेती कर रहा हूं और मुनाफा भी कमा रहा हूं।

कैसे करें सफेद मूसली की खेती

सफेद मूसली की खेती मई के आखिरी सप्ताह से लेकर मध्य जून तक होती है। खेती के लिए भूमि की अच्छी गहरी जुताई करके पूरे खेत में पाटा चला लें। उसके बाद क्यारियां बना लें। साथ ही खेत में जल निकासी के लिए ढलान की व्यवस्था करें। उसके बाद पौधे की रोपाई करें। पौधे की अच्छी वृद्धि और विकास के लिए करीब 15 टन गोबर की खाद डालें।

तुलसी की खेती

बलुई दोमट मिट्टी तुलसी की खेती के लिए अच्छी मानी जाती है। इसकी खेती जून-जुलाई माह में शुरू कर सकते हैं। जून-जुलाई में बीजों के माध्यम से नर्सरी की तैयारी की जाती है। जब तुलसी की नर्सरी तैयार हो जाती है तो इसकी रोपाई की जाती है। इसके लिए दो लाइन के बीच लगभग 60 सेंटीमीटर का गैप रखा जाता है। वहीं, पौधों की दूरी 30 सेंटीमीटर के करीब होती है। यह खेती 100 दिनों में तैयार हो जाती है। इसके बाद कटाई की प्रक्रिया शुरू की जाती है।

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हल्दी की खेती

हल्दी की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। एक एकड़ में हल्दी की खेती के लिए करीब 6 क्विंटल बीज की जरूरत होती है। जिसे बाग या छायादार जगहों पर बोया जाता है। हल्दी की बुवाई का सबसे सही समय अप्रैल से 15 जून तक होता है। इसकी बुआई के लिए दो लाइनों के बीच की दूरी 30-40 सेंटीमीटर और पौध से पौध की दूरी 20 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। जबकि 4-5 सेंटीमीटर गहराई में बुआई करनी चाहिए।

 

I am working as an Editor in Bharat9 . Before this I worked as a television journalist with a demonstrated history of working in the media production industry (India News, India News Haryana, Sadhna News, Mhone News, Sadhna News Haryana, Khabarain abhi tak, Channel one News, News Nation). I have UGC-NET qualification and Master of Arts (M.A.) focused in Mass Communication from Kurukshetra University. Also done 2 years PG Diploma From Delhi University.

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